Текст песни Bharat Chauhan - Muddat
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मुद्दत हुई है यार के पहलु में बैठे हुए मुद्दत हुई है उनकी आँखों में डूबे हुए फिर भी न जाने क्यों उनके होठों की हसि ज़रा सी मेरे होठों पे है उनके बालों की खुशबू ज़रा सी मेरे हाथों से लिपटी सी है हो हम तो घुटनों को सीने से लगाए सोते हैं और वो गैरों की बाहों में ही होते हैं जिन्हे वो अपना कहते हैं मेरे खुदा जब मैं तेरे दर पे आउ इतना करना मैं मोहब्बत की छाओ पाऊँ ता उम्र जलूँगा मैं उसकी चाह में ख़ाक हो चलूँगा मैं उसकी राह में आखिर दूरियों में ही हम दोनों ही जलाये जायेंगे मुद्दत हुई है यार के पहलु में बैठे हुए मुद्दत हुई है उनकी आँखों में डूबे हुए फिर भी न जाने क्यों उनके होठों की हसि ज़रा सी मेरे होठों पे है उनके बालों की खुशबू ज़रा सी मेरे हाथों से लिपटी सी है औ |
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Проблема сидит в аспекте человека
С ними случилось время
Глаза погружены в глаза
Все еще не знаю, почему
Его губы
Просто на моих губах
Запах их волос
Просто будь на их руках
Мы спим с коленями на груди
И они в руках гараса
Кого они говорят
Боже мой, когда я прихожу к тебе
Я могу сделать так много любви
Я сожгу свой возраст
Я буду на его пути
В конце концов, мы находимся на расстоянии
Оба будут сожжены
Проблема сидит в аспекте человека
С ними случилось время
Глаза погружены в глаза
Все еще не знаю, почему
Его губы
Просто на моих губах
Запах их волос
Просто немного завернут мои руки и