Текст песни Sonu Nigam - Title Song
0 чел. считают текст песни верным
0 чел. считают текст песни неверным
अंतरंगात रंग उधळून दंग करते मनाला दोन डोळ्यात स्वप्न होऊन वेड लावी जिवाला अंतरंगात रंग उधळून दंग करते मनाला दोन डोळ्यात स्वप्न होऊन वेड लावी जिवाला स्पर्श सोनेरी गंध कस्तुरी बंध रेशीम भासे ही अशी एकुलती एक एकुलती एक बोलकी बोलकी अन् कधी शांत ही चांद रातीतला रम्या एकांत ही बोलकी बोलकी अन् कधी शांत ही चांद रातीतला रम्या एकांत ही हळूच हासे ही स्वप्न भासे ही पालवी लाजरी ही अशी एकुलती एक ही अशी एकुलती एक पावलो पावली बस तिची सावली नीतीच्या अंतरी तिच माझ्यातही पावलो पावली बस तिची सावली नीतीच्या अंतरी तिच माझ्यातही राग फसवा हा गोड रुसवा थोडीशी बावरी ही अशी एकुलती एक ही अशी एकुलती एक अंतरंगात रंग उधळून दंग करते मनाला दोन डोळ्यात स्वप्न होऊन वेड लावी जिवाला स्पर्श सोनेरी गंध कस्तुरी बंध रेशीम भासे ही अशी एकुलती एक एकुलती एक Смотрите также:
Все тексты Sonu Nigam >>> |
|
Внутренний цвет озадачивает разум в разум
Чтобы воплотить мечту с двумя глазами, чтобы свести его с ума
Внутренний цвет озадачивает разум в разум
Чтобы воплотить мечту с двумя глазами, чтобы свести его с ума
Прикоснуться к золотому мускусу
Ха
Один
Один
Болливуд и никогда не тихий
Луна ночь - одиночная
Болливуд и никогда не тихий
Луна ночь - одиночная
Медленно, эта мечта - мечта
Ха
Один
Ха
Один
Павло Паули автобус ее тень
В конце политики она тоже
Павло Паули автобус ее тень
В конце политики она тоже
Гнев обманывает эту милую расу немного
Ха
Один
Ха
Один
Внутренний цвет озадачивает разум в разум
Чтобы воплотить мечту с двумя глазами, чтобы свести его с ума
Прикоснуться к золотому мускусу
Ха
Один
Один